जेम्स वाट (1736–1819) एक स्कॉटिश आविष्कारक और इंजीनियर थे, जिनके काम औद्योगिक क्रांति की नींव बने। उनके द्वारा भाप मशीन में किए गए सुधारों ने इसे अधिक प्रभावी और व्यावहारिक बना दिया, जिसने उत्पादन और परिवहन के तरीकों में बदलाव लाने में मदद की।
वाट का जन्म ग्रीनॉक, स्कॉटलैंड में एक व्यापारी के परिवार में हुआ था। छोटी उम्र से ही उन्हें विज्ञान और यांत्रिकी में रुचि थी। 1754 में, उन्होंने ग्लासगो विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया, जहाँ उन्होंने गणित और दर्शनशास्त्र का अध्ययन करना शुरू किया। हालाँकि वित्तीय कठिनाइयों के कारण उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी और एक कारीगर बनने का निर्णय लेना पड़ा।
वाट ने एक मैकेनिक के रूप में काम किया, उपकरणों को बनाने और मरम्मत करने का काम किया। 1765 में, उन्होंने भाप मशीनों के साथ संबंधित एक समस्या का सामना किया और अपने पहले सुधार पर काम करना शुरू किया - एक अलग कंडेनसर, जिसने भाप मशीन की कार्यक्षमता को काफी बढ़ा दिया।
1769 में, वाट ने अपनी भाप मशीन का पेटेंट कराया, जिससे उन्हें अपने उत्पादन की शुरुआत करने की अनुमति मिली। उन्होंने विभिन्न उद्योगपतियों के साथ सहयोग किया, जिसने उनके आविष्कारों के प्रसार में मदद की। वाट ने कई मॉडल की भाप मशीनों का विकास किया, जो खनन, वस्त्र और अन्य उद्योगों में उपयोग की गईं।
भाप मशीनों के अलावा, वाट ने अन्य यंत्रों के विकास में भी रुचि ली, जिसमें यांत्रिक घड़ियाँ और दबाव मापने वाले उपकरण शामिल थे। ऊर्जा के क्षेत्र में उनके शोध ने "हॉर्स-पावर" की संकल्पना का निर्माण किया, जिसका उपयोग आज भी शक्ति मापने के लिए किया जाता है।
1775 में, वाट ने उद्योगपति मैथ्यू बोल्टन के साथ सहयोग करना शुरू किया। यह साझेदारी उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ बन गई, क्योंकि इसने उन्हें अपने उत्पादन को बढ़ाने और अपनी मशीनों की गुणवत्ता में सुधार करने की अनुमति दी। बोल्टन और वाट ने एक कंपनी स्थापित की, जो दुनिया की प्रमुख भाप मशीन निर्माताओं में से एक बन गई।
वाट के आविष्कारों का उद्योग पर गहरा प्रभाव पड़ा। उनकी भाप मशीनों का उपयोग केवल खदानों में ही नहीं, बल्कि कारखानों में भी किया गया, जिसने उत्पादन बढ़ाने और लागत कम करने में मदद की। वाट ने परिवहन उद्योग के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, क्योंकि उनकी मशीनों का उपयोग स्टीमर और रेलवे में किया जाने लगा।
जेम्स वाट का निधन 1819 में हुआ, लेकिन उनकी विरासत अभी भी जीवित है। उनके काम ने यांत्रिकी और ऊर्जा के क्षेत्र में आगे के नवाचारों की नींव रखी। वाट के नाम पर बिजली की इकाई - वॉट (W) का नामकरण किया गया। विभिन्न देशों में उनकी याद में स्मारक और मेमोरियल भी स्थापित किए गए हैं।
जेम्स वाट केवल एक आविष्कारक नहीं थे, बल्कि एक ऐसा व्यक्ति थे जिसने दुनिया को बदल दिया। उनके विचारों और सुधारों ने मानवता को तकनीक और उत्पादन में एक विशाल कदम उठाने की अनुमति दी। वह इंजीनियरिंग सोच और भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का प्रतीक बने रहते हैं।