ऐतिहासिक विश्वकोश

एर्नान कोर्टेस: मेक्सिको का conquistador

एर्नान कोर्टेस (1485-1547) एक स्पेनिश conquistador थे, जो एज़्टेक साम्राज्य के विजय और न्यू स्पेन राज्य की स्थापना में अपनी भूमिका के लिए जाने जाते हैं। उनका जीवन और कार्य लैटिन अमेरिका के इतिहास पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने के कारण कई अध्ययनों और चर्चाओं का विषय हैं।

प्रारंभिक वर्ष

एर्नान कोर्टेस का जन्म मैड्रिड, स्पेन में हुआ था। युवा अवस्था में, उन्होंने कानून का अध्ययन किया, लेकिन जल्द ही रोमांच और धन की खोज में नए विश्व में जाने का फैसला किया। 1504 में, वह हैती द्वीप पर पहुँचे, जहाँ वे उपनिवेशीकरण में शामिल हो गए।

मेक्सिको की विजय

1519 में, कोर्टेस ने मेक्सिको की तटरेखा की ओर एक अभियान का नेतृत्व किया। उन्होंने स्थानीय जनजातियों का सामना किया, जो एक-दूसरे के साथ युद्ध में थे, और इसका उपयोग गठबंधन बनाने के लिए किया। उनके सबसे प्रसिद्ध सहयोगियों में से एक जनजातीय नेता त्लास्काला थे।

कोर्टेस ने धन और प्रसिद्धि का लक्ष्य रखा, और 1519 में, वह एज़्टेक की राजधानी, तेनोच्टिटलान पहुंचे। उनका मोंटेज़ुमा II के साथ मुठभेड़ एक महत्वपूर्ण क्षण बन गई। कोर्टेस ने मोंटेज़ुमा को बंदी बना लिया, जिससे स्पेनिश और एज़्टेक के बीच तनाव बढ़ गया।

तेनोच्टिटलान का पतन

1520 में, एज़्टेक्स ने स्पेनियों के खिलाफ विद्रोह किया, जो "द नाइट ऑफ सोर्रोज" के नाम से जाना जाता है। कोर्टेस ने पुनर्गठन किया और एक प्रतिकर संगठन किया। स्थानीय सहयोगियों और नवीनतम हथियारों की मदद से, उन्होंने 1521 में तेनोच्टिटलान पर कब्जा कर लिया, जिससे एज़्टेक साम्राज्य का अंत हो गया।

विजय के परिणाम

मेक्सिको की विजय अमेरिकाई उपनिवेशीकरण की शुरुआत थी। कोर्टेस ने न्यू स्पेन के गवर्नर के रूप में खुद को घोषित किया और स्थानीय जनसंख्या का ईसाईकरण शुरू किया। इसने क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव भी किए, जो सोने और चांदी की खदान पर आधारित थी।

विवाद और विरासत

कोर्टेस की विरासत विवादास्पद है। एक ओर, उनके कार्यों ने स्पेनिश क्षेत्रों का विस्तार और स्पेन की धन वृद्धि का कारण बने, दूसरी ओर, इससे स्वदेशी लोगों और उनकी संस्कृति का व्यापक विनाश हुआ। कई अध्ययन उनके रणनीतिक कौशल और स्थानीय जनसंख्या के प्रति क्रूरता को उजागर करते हैं।

पिछले कुछ दशकों में कोर्टेस के प्रति ध्यान बदल गया है: वह उपनिवेशी दमन और सांस्कृतिक असमर्थन का प्रतीक बन गए हैं। कई इतिहासकार और शोधकर्ता उनके इतिहास में भूमिका को फिर से देखने का प्रयास कर रहे हैं, न केवल उनकी उपलब्धियों को, बल्कि उनके कार्यों के स्वदेशी लोगों पर प्रभाव को भी देखने के लिए।

निष्कर्ष

एर्नान कोर्टेस लैटिन अमेरिका के इतिहास में सबसे विवादास्पद शख्सियतों में से एक बने हुए हैं। उनका जीवन और विजय क्षेत्र के विकास पर व्यापक प्रभाव डाल चुके हैं, और उनकी विरासत इतिहासकारों और सामान्य जनता के बीच रुचि और चर्चाएं उत्पन्न करती रहती है। यह प्रश्न कि क्या उन्हें नायक या दुष्ट माना जाना चाहिए, अभी भी खुला है और आगे के अध्ययन की मांग करता है।

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